GRAP 3 : दिल्ली एनसीआर में ग्रैप 3 प्रतिबंध लागू: वायु प्रदूषण पर तत्काल प्रभाव, जानिए क्या प्रतिबंधित है

GRAP 3

GRAP3 Restrictions Activated in Delhi NCR: दिल्ली एनसीआर में ग्रैप 3 प्रतिबंध लागू: वायु प्रदूषण पर तत्काल प्रभाव, जानिए क्या प्रतिबंधित है

दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए, दिल्ली सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने GRAP 3 (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के तहत कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। यह कदम दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने और नागरिकों की सेहत को सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया है। ग्रैप 3 का उद्देश्य उस स्थिति में तत्काल कार्रवाई करना है जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर स्तर पर पहुंच जाए, जिससे स्वास्थ्य के गंभीर खतरे उत्पन्न हो सकते हैं।

इस लेख में, हम आपको GRAP 3 के तहत लागू होने वाले प्रतिबंधों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे, ताकि आप समझ सकें कि यह कदम क्यों उठाया गया है और इन प्रतिबंधों का आपके रोजमर्रा के जीवन पर क्या असर पड़ेगा।

GRAP 3 क्या है?

GRAP (Graded Response Action Plan) एक पर्यावरण सुरक्षा योजना है, जिसे दिल्ली सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने मिलकर तैयार किया है। इस योजना का उद्देश्य वायु प्रदूषण के विभिन्न स्तरों पर कार्रवाई करना है, ताकि प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित किया जा सके और नागरिकों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सके। GRAP की चार प्रमुख श्रेणियां हैं, जो प्रदूषण के स्तर के आधार पर लागू होती हैं:

1. GRAP 1: जब AQI 201-300 के बीच हो।
2. GRAP 2: जब AQI 301-400 के बीच हो।
3. GRAP 3: जब AQI 401-500 के बीच हो। यह “गंभीर” स्तर होता है और इस स्तर पर सबसे सख्त प्रतिबंध लागू किए जाते हैं।
4. GRAP 4: जब AQI 500 से ऊपर हो, यानी बेहद गंभीर स्थिति।

GRAP 3 के तहत प्रदूषण की स्थिति “गंभीर” होती है और इसे तुरंत नियंत्रित करने के लिए कठोर उपायों की आवश्यकता होती है। इस स्तर पर, वायु प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा होता है कि यह श्वसन रोगों, अस्थमा, दिल की बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए, इस स्थिति में सरकार को तात्कालिक और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत होती है।

GRAP 3 के तहत लागू होने वाले प्रमुख प्रतिबंध

दिल्ली और एनसीआर में GRAP 3 के तहत निम्नलिखित प्रतिबंध लगाए गए हैं:

1. निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्यों पर प्रतिबंध:
ग्रैप 3 के तहत, सभी निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्यों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। निर्माण स्थलों से निकलने वाली धूल व प्रदूषक हवा में मिलकर वायु गुणवत्ता को और खराब करती है। इसीलिए, इन गतिविधियों पर पाबंदी लगाई जाती है।

2. हॉट मिक्सिंग प्लांट्स और स्टोन क्रशिंग पर पाबंदी:
हॉट मिक्सिंग प्लांट्स और स्टोन क्रशिंग कार्यों से भी प्रदूषण का स्तर बढ़ता है। ऐसे कार्यों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। इन प्रक्रियाओं से हवा में धूल और अन्य हानिकारक तत्वों का उत्सर्जन होता है, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है।

3. ऑड-ईवन योजना लागू हो सकती है:
यदि वायु प्रदूषण का स्तर बहुत खराब हो जाता है, तो दिल्ली में ऑड-ईवन योजना लागू की जा सकती है। इस योजना के तहत, सम और विषम नंबर की गाड़ियां अलग-अलग दिन चलने की अनुमति होती हैं। इसका उद्देश्य वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करना है और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना है।

4. सड़क निर्माण और अन्य बाहरी कार्यों पर कड़ी निगरानी:
सड़क निर्माण और अन्य बाहरी कार्यों से निकलने वाली धूल व प्रदूषक तत्वों को नियंत्रित करने के लिए इन कार्यों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इन कार्यों को पर्यावरण के अनुरूप तरीके से किया जाएगा, ताकि धूल का उत्सर्जन कम से कम हो।

5. फसलों के जलने पर प्रतिबंध:
ग्रैप 3 के तहत, किसानों द्वारा फसल के अवशेष जलाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है, खासकर दिल्ली के आसपास के राज्यों में। फसल जलाने से निकलने वाली धुंआ और गैसें वायु को बहुत अधिक प्रदूषित करती हैं, इसलिए इसे रोका जाना जरूरी है।

6. उद्योगों पर निगरानी:
प्रदूषण में योगदान देने वाले औद्योगिक क्षेत्रों की भी कड़ी निगरानी की जाएगी। इन उद्योगों को प्रदूषण के मानकों का पालन करने के लिए कहा जाएगा। इससे वायु में हानिकारक गैसों और धूल के उत्सर्जन को नियंत्रित किया जाएगा।

7. स्कूलों और कॉलेजों में बाहरी गतिविधियों पर पाबंदी:
वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर पर पहुंचने के बाद, स्कूलों और कॉलेजों में बच्चों को बाहरी गतिविधियों से दूर रखने का निर्देश दिया जाता है। इस दौरान, शारीरिक शिक्षा की कक्षाओं को भी रद्द किया जा सकता है।

GRAP 3 के प्रभाव

1. स्वास्थ्य पर प्रभाव:
GRAP 3 के तहत लागू किए गए प्रतिबंधों का मुख्य उद्देश्य दिल्ली और एनसीआर के नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा है। जब वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर तक खराब हो जाती है, तो श्वसन संबंधी समस्याएं, अस्थमा, हृदय रोग, और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से इन जोखिमों को कम किया जा सकता है।

2. सार्वजनिक परिवहन का बढ़ावा:
ऑड-ईवन योजना और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के उपायों से प्रदूषण का स्तर घटने की उम्मीद है। इससे निजी वाहनों के बजाय लोग बसों, मेट्रो, और अन्य सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करेंगे, जिससे वाहनों से होने वाला प्रदूषण कम होगा।

3. आर्थिक प्रभाव:
इन प्रतिबंधों के लागू होने से कुछ उद्योगों और निर्माण क्षेत्रों पर आर्थिक दबाव पड़ सकता है। हालांकि, यह पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम है। इन प्रतिबंधों से वायु गुणवत्ता बेहतर होने की उम्मीद है, जो कि लंबी अवधि में सबके लिए फायदेमंद होगा।

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